आज संसार pजस-pजस संकट से जूझ रहा है, वह ङ्कुख्ङ्मत: पहचान का संकट है। लाेग स्वङ्मं की पहचान qलग, जाpत, धङ्क© और राष्ट्रीङ्मता जैसे सीpङ्कत लक्षणाें से करते हैं और भूल जाते हैं pक वे साव©भाैpङ्कक आत्ङ्का का pहस्सा है। pवpवध पृष्ठभूpङ्क के लाेगाें काे साथ लाने और उन्हें अपनी साव©भाैpङ्कक pशक्षा से संगpठत करने के pलए दादा जे.पी.वासवानी कई दशकाें से अनवरत काङ्म© कर रहे हैं। इसी pदशा ङ्कें ङ्मह पुस्तक एक स्तुत्ङ्म प्रङ्मास है। गहन ज्ञान की छाप छाेड़ने ङ्कें कहाpनङ्माँ ङ्मुगाें-ङ्मुगाें से अत्ङ्मpधक प्रभावशाली व ङ्कनाेरंजक ङ्काध्ङ्मङ्क रही हैं।
Detail Description
- ISBN:978-93-5186-759-3
- Author Name:J. P. Vaswani
- Language:Hindi
- Publisher Name:Prabhat Prakashan
- Binding: